भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा २०१ :
कुछ अपराधों की दशा में विचारण का स्थान :
१) डकैती के, हत्या सहित डकैती के, डकैतों की टोली का होने के, या अभिरक्षा से निकल भागने के किसी अपराध की जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपराध किया गया है या अभियुक्त व्यक्ति मिला है ।
२) किसी व्यक्ती के व्यपहरण या अपहरण के किसी अपराध की जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर वह व्यक्ती व्यपऱ्हत या अपऱ्हत किया गया या ले जाया गया या छिपाया गया या निरुद्ध किया गया है ।
३) चोरी, उद्यापन या लूट के किसी अपराध की जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसा अपराध किया गया है या चुराई हुई संपत्ती को जो कि अपराध का विषय है उसे करने वाले व्यक्ती द्वारा या किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा कब्जे में रखी गई है जिसने उस संपत्ती को चुराई हुई संपत्ती जानते हुए या विश्वास करने का कारण रखते हुए प्राप्त किया या रखे रका ।
४) आपराधिक दुर्विनियोग या आपराधिक न्यायभंग के किसी अपराध की जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर अपराध किया गया है या उस संपत्ति का, जो अपराध का विषय है, कोई भाग अभियुक्त व्यक्ति द्वारा प्राप्त किया गया या रखा गया है अथवा उसका लौटाया जाना या लेखा दिया जाना अपेक्षित है ।
५) किसी ऐसे अपराध की, जिसमें चुराई हुई संपत्ति का कब्जा भी है, जाँच या विचारण ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसा अपराध किया गया है या चुराई हुई संपत्ति किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा कब्जे में रखी गई है, जिसने उसे चुराई हुई जानते हुए या विश्वास करने का कारण होते हुए प्राप्त किया या रखे रखा ।