भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १९४ :
आत्महत्या, आदि पर पुलिस का जाँच करना और रिपोर्ट देना :
१) जब पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी, या राज्य सरकार द्वारा उस निमित्त विशेषतया सशक्त किए गए किसी अन्य पुलिस अधिकारी को यह इत्तिला मिलती है कि किसी व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है अथवा कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति द्वारा या जीवजन्तु द्वारा या दुर्घटना द्वारा मारा गया है, अथवा कोई व्यक्ति ऐसी परिस्थितियों में मरा है जिनसे उचित रुप से यह संदेह होता है कि किसी अन्य व्यक्ति ने कोई अपराध किया है तो वह मृत्यु समीक्षाएँ करने के लिए सशक्त निकटतम कार्यपालक मजिस्ट्रेट को तुरन्त उसकी सूचना देगा और जब तक राज्य सरकार द्वारा विहित किसी नियम द्वारा या जिला या उपखण्ड मजिस्ट्रेट के किसी साधारण या विशेष आदेश द्वारा अन्यथा निदिष्ट न हो वह उस स्थान को जाएगा जहाँ ऐसे मृत व्यक्ति का शरीर है और वहाँ पडोस के दो या अधिक प्रतिष्ठित निवासियों की उपस्थिति में अन्वेषण करेगा और मृत्यु के दृश्यमान कारण की रिपोर्ट तैयार करेगा जिसमें ऐसे घावों, अस्थिभंगों, नीलों और क्षति के अन्य चिन्हों का जो शरीर पर पाए जाएँ, वर्णन होगा और यह कथन होगा कि ऐसे चिन्ह किस प्रकार से और किस आयुध या उपकरण द्वारा (यदि कोई हो) किए गए प्रतीत होते है ।
२) उस रिपोर्ट पर ऐसे पुलिस अधिकारी और अन्य व्यक्तियों द्वारा, या उनमें से इतनों द्वारा जो उससे सहमत है, हस्ताक्षर किए जाएँगे और वह जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट को २४ घंटे के भीतर भेज दी जाएगी ।
३) जब-
एक) मामले में किसी स्त्री द्वारा उसके विवाह की तारिख से सात वर्ष के भीतर आत्महत्या अन्तर्वलित है; या
दो) मामला किसी स्त्री की उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर ऐसी परिस्थितियों में मृत्यु से संबंधित है जो यह युक्तियुक्त (उचित) संदेह उत्पन्न करती है कि किसी अन्य व्यक्ति ने ऐसी स्त्री के संबंध में कोई अपराध किया है; या
तीन) मामाला किसी स्त्री की उसके विवाह के सात वर्ष के भीतर मृत्यु से संबंधित है और उस स्त्री के किसी नातेदार ने उस निमित्त निवेदन किया है; या
चार) मृत्यु के कारण की बाबद कोई संदेह; या
पांच) किसी अन्य कारण से पुलिस अधिकारी ऐसा करना समीचीन (उचित / उपयुक्त) समझता है,
ऐसे नियमों के अधीन रहते हुए, जो राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त विहित किए जाएँ, वह अधिकारी यदि मौसम ऐसा है और दूरी इतनी है कि रास्ते में शरीर के ऐसे सडने की जोखिम के बिना, जिसमें उसकी परिक्षा व्यर्थ हो जाए, उसे भिजवाया जा सकता है तो शरीर को उसकी परीक्षा की दृष्टि से, निकटतम सिविल सर्जन के पास या राज्य सरकार द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति अन्य अर्हित चिकित्सक के पास भेजेगा ।
४) निम्नलिखित मजिस्ट्रेट मृत्यु- समीक्षा करने के लिए सशक्त है, अर्थात् कोई जिला मजिस्ट्रेट या उपखण्ड मजिस्ट्रेट और राज्य सरकार द्वारा या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा इस निमित्त विशेषतया सशक्त किया गया कोई अन्य कार्यपालक मजिस्ट्रेट ।