भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १९१ :
परिवादी और साक्षियों से पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न किया जाना और उनका अवरुद्ध न किया जाना :
किसी परिवादी या साक्षी से, जो किसी न्यायालय में जा रहा है, पुलिस अधिकारी के साथ जाने की अपेक्षा न की जाएगी, और न तो उसे अनावश्यक रुप से अवरुद्ध किया जाएगा या असुविधा पहुँचाई जाएगी और न उससे अपनी हाजिरी के लिए उसके अपने बंधपत्र से भिन्न कोई प्रतिभूति देने की अपेक्षा कि जाएगी :
परन्तु यदि कोई परिवादी या साक्षी हाजिर होने से, या धारा १९० में निर्दिष्ट प्रकार का बंधपत्र निष्पादित करने से, इंकार करता है तो पुलिस थाने का भारसाधक अधिकारी उसे मजिस्ट्रेट के पास अभिरक्षा में भेज सकता है, जो उसे तब तक अभिरक्षा में निरुद्ध रख सकताहै, जब तक वह ऐसा बंधपत्र निष्पादित नहीं कर देता है या जब तक मामले की सुनवाई समाप्त नहीं हो जाती है ।