भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १४५ :
प्रक्रिया :
१) किसी व्यक्ति के विरुद्ध धारा १४४ के अधीन कार्यवाही किसी ऐसे जिले में कि जा सकती है :-
(a) क) जहाँ वह है, अथवा
(b) ख) जहाँ वह या उसकी पत्नी निवास करती है, अथवा
(c) ग) जहाँ उसने अंतिम बार, यथास्थिति, अपनी पत्नी के साथ या अधर्मज संतान की माता के साथ निवास किया है , अथवा
(d) घ) जहां उसका पिता निवास करता है या उसकी माता निवास करती है ।
२) ऐसी कार्यवाही में सब साक्ष्य, ऐसे व्यक्ति की उपस्थिति में, जिसके विरुद्ध भरणपोषण के लिए संदाय का आदेश देने की प्रस्थापना है, अथवा जब उसकी वैयक्तिक हाजिरी से अभिमुक्ति दे दी गई है तब उसके प्लीडर की उपस्थिति में लिया जाएगा और उस रिति से अभिलिखित किया जाएगा जो समन मामलों के लिए विहित है :
परन्तु यदि मजिस्ट्रेट का समाधान हो जाए कि ऐसा व्यक्ति जिसके विरुद्ध भरणपोषण के लिए संदाय का आदेश देने की प्रस्थापना है, तामील से जानबूझकर बच रहा है अथवा न्यायालय में हाजिर होने में जानबूझकर उपेक्षा कर रहा है तो मजिस्ट्रेट मामले को एकपक्षीय रुप में सुनने और अवधारण करने के लिए अग्रसर हो सकता है और ऐसे दिया गया कोई आदेश उसकी तारीख से तीन मास के अन्दर किए गए आवेदन पर दर्शित अच्छे कारण से ऐसे निबंधनों के अधीन जिसके अन्तर्गत विरोधी पक्षकार को खर्चे के संदाय के बारे में ऐसे निबंधन भी है जो मजिस्ट्रेट न्यायोचित और उचित समझे, अपास्त किया जा सकता है ।
३) धारा १४४ के अधीन आवेदनों पर कार्यवाही करने में न्यायालय को शक्ति होगी कि वह खर्चों के बारे में ऐसा आदेश दे जो न्यायसंगत है ।