भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ११९ :
संपत्ति के समपहरण की सूचना :
१) यदि, धारा ११६ के अधीन जाँच, अन्वेषण या सर्वेक्षण के परिणाम स्वरुप न्यायालय के पास यह विश्वास करने का कारण है कि सभी या कोई संपत्ति, अपराध का आगम (प्राप्ती) है तो वह ऐसे व्यक्ति पर (जिसे इसमें इसके पश्चात् प्रभावित व्यक्ति कहा गया है) ऐसी सूचना की तामील कर सकेगा जिसमें उससे यह अपेक्षा की गई हो कि वह उस सूचना में विनिर्दिष्ट तीस दिन की अवधि के भीतर उस आय, उपार्जन या अस्तियों के वे स्त्रोत, जिनसे या जिनके द्वारा उसने ऐसी संपत्ति अर्जित की है, वह साक्ष्य जिस पर वह निर्भर करता है तथा अन्य सुसंगत जानकारी और विशिष्टियाँ उपदर्शित करे और यह कारण बताए कि, यथास्थिति ऐसी सभी या किसी संपत्ति को अपराध का आगम क्यों न घोषित किया जाए और उसे केन्द्रीय सरकार को क्यों न समपऱ्हत कर दिया जाए ।
२) जहाँ किसी व्यक्ती को उपधारा (१) के अधीन सूचना में यह विनिर्दिष्ट किया जाता है कि कोई संपत्ति ऐसे व्यक्ति की और से किसी अन्य व्यक्ति द्वारा धारित है वहाँ सूचना की एक प्रति की ऐसे अन्य व्यक्ति पर भी तामील की जाएगी ।