भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १० :
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (दण्डाधिकारी) और अपर (अतिरिक्त) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदि :
१) उच्च न्यायालय, प्रत्येक जिले में एक प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करेगा ।
२) उच्च न्यायालय किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नियुक्त कर सकता है और ऐसे मजिस्ट्रेट को इस संहिता के अधीन या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि के अधीन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की सब या कोई शक्तियाँ जिनका उच्च न्यायालय निर्देश दे, होंगी ।
३) उच्च न्यायालय आश्यकता नुसार किसी उपखण्ड में किसी प्रथम वर्ग न्यायिक मजिस्ट्रेट को उपखण्ड न्यायिक मजिस्ट्रेट के रुप में पदाभिहित (पदांकित) कर सकता है और उसे इस धारा में विनिर्दिष्ट उत्तरदायित्त्वों से मुक्त कर सकता है ।
४) प्रत्येक उपखण्ड न्यायिक मजिस्ट्रेट को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के साधारण नियंत्रण के अधीन रहते हुए उपखण्ड में (अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेटों से भिन्न) न्यायिक मजिस्ट्रेटो के काम पर पर्यवेक्षण और नियंत्रण की ऐसी शक्तियाँ भी होगी, जैसी उच्च न्यायालय साधारण या विशेष आदेश द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, और वह उनका प्रयोग करेगा ।