भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा १०० :
सदोष परिरुद्द (कैद रखना) व्यक्तियों के लिए तलाशी :
यदि किसी जिला मजिस्ट्रेट, उपखण्ड मजिस्ट्रेट या प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट को यह विश्वास करने का कारण है कि कोई व्यक्ति ऐसी परिस्थितियों में परिरुद्द (कैद) है, जिमें वह परिरोध अपराध की कोटि में आता है, तो वह तलाशी वारण्ट जारी कर सकता है और वह व्यक्ति, जिसको ऐसा वारण्ट निर्दिष्ट किया जाता है, ऐसे परिरुद्ध व्यक्ति के तलाशी ले सकता है, और ऐसी तलाशी तद्नुसार ही ली जाएगी और यदि वह व्यक्ति मिल जाए, तो उसे तुरन्त मजिस्ट्रेट के समक्ष ले जाया जाएगा, जो ऐसा आदेश करेगा जैसा उस मामले की परिस्थितियों में उचित प्रतीत हो ।