Bnss धारा ५२ : बलात्संग के अपराधी व्यक्ति की चिकिस्ता व्यवसायी द्वारा परीक्षा :

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ५२ :
बलात्संग के अपराधी व्यक्ति की चिकिस्ता व्यवसायी द्वारा परीक्षा :
१) जब किसी व्यक्ति को बलात्संग या बलात्संग का प्रयत्न करने का अपराध करने के आरोप में गिरफ्तार किया जाता है और यह विश्वास करने के उचित आधार है कि उस व्यक्ति की परिक्षा या ऐसा अपराध करने के बारे में साक्ष्य प्राप्त होगा तो सरकार द्वारा या किसी स्थानीय प्राधिकारी द्वारा चलाए जा रहे अस्पताल में नियोजित किसी रजिस्ट्रिकृत चिकित्सा व्यवसायी के लिए, और उस स्थान से जहाँ अपराध किया गया है, सोलह किलोमीटर की परिधि के भीतर ऐसे चिकित्सा व्यवसायी की अनुपस्थिति में किसी पुलिस अधिकारी के निवेदन पर, किसी अन्य रजिस्ट्रिकृत चिकित्सा व्यवसायी के लिए, तथा सद्भावपूर्वक उसकी सहायता के लिए तथा उसके निदेश के अधीन कार्य कर रहे किसी व्यक्ति के लिए, ऐसे गिरफ्तार व्यक्ति की ऐसी परीक्षा करना और उस प्रयोजन के लिए उतनी शक्ति का प्रयोग करना जितनी युक्तियुक्त रुप से आवश्यक हो, विधिपूर्ण होगा ।
२) ऐसी परीक्षा करने वाला रजिस्ट्रिकृत चिकित्सा व्यवसायी ऐसे व्यक्ति की बिना विलम्ब के परीक्षा करेगा और उसकी परीक्षा की एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसमें निम्नलिखित विशिष्टियाँ दी जाएँगी, अर्थात –
एक) अभियुक्त (आरोपी) और उस व्यक्ति का, जो उसे लाया है, नाम और पता;
दो) अभियुक्त की आयु;
तीन) अभियुक्त के शरीर पर क्षति के निशान, यदि कोई हो;
चार) डी.एन.ए प्रोफाइन करने के लिए अभियुक्त के शरीर से ली गई सामग्री का वर्णन; और
पाँच) उचित ब्यौरे सहित, अन्य तात्विक विशिष्टियाँ ।
३) रिपोर्ट में संक्षेप में वे कारण अधिकथित किए जाएँगे, जिनसे प्रत्येक निष्कर्ष निकाला गया है ।
४) परीक्षा प्रारम्भ और समाप्ति करने का सही समय भी रिपोर्ट में अंकित किया जाएगा ।
५) रजिस्ट्रिकृत चिकित्सा व्यवसायी, बिना विलम्ब के अन्वेषण अधिकारी को रिपोर्ट भेजेगा, जो उसे धारा १९३ में निर्दिष्ट मजिस्ट्रेट को उस धारा की उपधारा (६) के खंड (क) में निर्दिष्ट दस्तावेजों के भागरुप में भेजेगा ।

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