भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४८७ :
अभिरक्षा से उन्मोचन :
१) ज्यों ही बन्धपत्र या जमानतपत्र निष्पादित कर दिया जाता है त्यों ही वह व्यक्ति, जिसकी हाजिरी के लिए निष्पादित किया गया है, छोड दिया जाएगा और जब वह जेल में हो तब उसकी जमानत मंजूर करने वाला न्यायालय जेल के भारसाधक अधिकारी को उसके छोडे जाने के लिए आदेश जारी करेगा और वह अधिकारी आदेश की प्राप्ति पर उसे छोड देगा ।
२) इस धारा की या धारा ४७८ या धारा ४८० की कोई भी बात किसी ऐसे व्यक्ति के छोडे जाने की अपेक्षा करने वाली न समझी जाएगी जो ऐसी बात के लिए निरुद्ध किए जाने का भागी है, जो उस बात से भिन्न जिसके बारे में बन्धपत्र या जमानतपत्र निष्पादित किया गया है ।