भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ४५५ :
उच्चतम न्यायालय को अपील की दशा में मृत्यु दण्डादेश के निष्पादन का मुल्तवी किया जाना :
१) जहाँ किसी व्यक्ति को उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश दिया गया है और उसके निर्णय के विरुद्ध कोई अपील संविधान के अनुच्छेट १३४ के खण्ड (१) के उपखण्ड (a)(क) या उपखण्ड (b)(ख) के अधीन उच्चतम न्यायालय को होती है वहाँ उच्च न्यायालय दण्डादेश का निष्पादन तब तक के लिए मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा जब तक ऐसी अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो जाती है अथवा यदि उस अवधि के अन्दर कोई अपील की गई है तो जब तक उस अपील का निपटारा नहीं हो जाता है ।
२) जहाँ उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश दिया गया है या उसकी पुष्टि की गई है, और दण्डादिष्ट व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद १३२ के अधीन या अनुच्छेद १३४ के खण्ड (१) के उपखण्ड (c)(ग) के अधीन प्रमाण-पत्र दिए जाने के लिए उच्च न्यायालय से आवेदन करता है, तो उच्च न्यायालय दण्डादेश का निष्पादन तब तक के लिए मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा जब तक उस आवेदन का उच्च न्यायालय द्वारा निपटारा नहीं हो जाता है या यदि ऐसे आवेदन पर कोई प्रमाण-पत्र दिया गया है, तो जब तक उस प्रमाण-पत्र पर उच्चतम न्यायालय को अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो जाती है ।
३) जहाँ उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दण्डादेश दिया गया है या उसकी पुष्टि की गई है और उच्च न्यायालय का समाधान हो जाता है कि दण्डादिष्ट व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद १३६ के अधीन अपील के लिए विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी पेश करना चाहता है, वहाँ उच्च न्यायालय दण्डादेश का निष्पादन इतनी अवधि तक के लिए, जिती वह ऐसी अर्जी पेश करने के लिए पर्याप्त समझे, मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा ।