भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता २०२३
धारा ३३४ :
पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति कैसे साबित की जाए :
पूर्व दोषसिद्धि या दोषमुक्ति को, इस संहिता के अधीन किसी जाँच, विचारण या अन्य कार्यवाही में, किसी अन्य ऐसे ढंग के अतिरिक्त, जो तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा उपबंधित है –
(a) क) ऐसे उद्धरण द्वारा,जिसका उस न्यायालय के, जिसमें ऐसी दोषसिद्धि या दोषमुक्ति हुई, अभिलेखों को अभिरक्षा में रखने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर द्वारा प्रमाणित उस दंडादेश या आदेश की प्रतिलिपि होना है; अथवा
(b) ख) दोषसिद्धि की दशा में, या तो ऐसे प्रमाण पत्र द्वारा, जो उस जेल के भारसाधक अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित है जिसमें दण्ड या उसका कोई भाग भोगा गया था, सुपुर्दगी के उस वारण्ट को पेश करके, जिनके अधीन दण्ड भोगा गया था,
और इन दशाओं में से प्रत्येक में इस बात के साक्ष्य में कि अभियुक्त व्यक्ति वही व्यक्ति है जो ऐसे दोषसिद्ध या दोषमुक्त किया गया, साबित किया जा सकेगा ।