भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ९५ :
अपराध को कारित करने के लिए बालक को भाडे पर लेना, नियोजित करना या नियुक्त करना :
धारा : ९५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अपराध कारित करने के लिए किसी बालक को भाडे पर लेना, नियोजित करना या नियुक्त करना ।
दण्ड : कम से कम ३ वर्ष का कारावास, जो दस वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : यदि अपराध कारित किया जाए ।
दण्ड : कारित किए गए संज्ञेय अपराध के समान ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : न्यायालय, जिसके द्वारा, कारित किया गया अपराध विचारणीय है।
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जो कोई किसी अपराध को कारित करने के लिए किसी बालक को भाडे पर लेगा, नियोजित करेगा या नियुक्त करेगा तो वह किसी भी भाति के कारावास से, जो तीन वर्ष से कम नहीं होगा, किन्तु जो दस वर्ष तक का हो सकेगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा; आरै यदि अपराध कारित किया जाता है तो, वह उस अपराध के लिए उपबंधित दड से भी दंडित किया जाएगा, मानो ऐसा अपराध ऐसे व्यक्ति ने स्वयं किया हो ।
स्पष्टीकरण :
लैंगिक शोषण या अश्लील साहित्य के लिए बालक को भाडे पर लेना, नियोजन करना, नियुक्त करना या उपयोग करना इस धारा के अर्थ के भीतर है ।