भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ९० :
गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्यो द्वारा कारित मृत्यु :
धारा : ९० (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : गर्भपात कारित करने के आशय से किए गए कार्य द्वारा कारित मृत्यु ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ९० (२)
अपराध : यदि वह कार्य स्त्री की सम्मति के बिना किया जाता है ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या यथा उपर्युक्त ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई गर्भवती स्त्री का गर्भपात कारित करने के आशय से कोई ऐसा कार्य करेगा, जिससे उस गर्भवती स्त्री की मृत्यु कारित हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जहां उपधारा (१) में निर्दिष्ट कार्य उस स्त्री के सम्मति के बिना किया जाए, तो वह आजीवन कारावास से, या उक्त उपधारा में विनिर्दिष्ट दण्ड से, दण्डनीय होगा ।
स्पष्टीकरण :
इस अपराध के लिए यह आवश्यक नहीं है कि अपराध जानता हो कि उस कार्य से मृत्यु कारित करना संभाव्य है ।