भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ८६ :
क्रुरता की परिभाषा :
धारा ८५ के प्रयोजनों के लिए, क्रूरता से निम्नलिखित अभिप्रेत है :-
(a) क) जानबूझकर किया गया कोई आचरण जो ऐसी प्रकृति का है जिससे उस स्त्री को आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करने की या उस स्त्री के जीवन, अंग स्वास्थ्य को (जो चाहे मानसिक हो या शारिरीक) गंभीर क्षति या खतरा कारित करने की संभावना है ; या
(b) ख) किसी स्त्री को इस दृष्टि से तंग करना कि उसको या उसके किसी नातेदार को किसी संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति की कोई मांग पूरी करने के लिए प्रपीडित किया जाए या किसी स्त्री को इस कारण तंग करना कि उसका कोई नातेदार ऐसी मांग पूरी करने में असफल रहा है ।