भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ७० :
सामुहिक बलात्संग :
धारा : ७० (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : सामुहिक बलात्संग.
दण्ड : कम से कम बीस वर्ष का कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा,और जुर्माना, जिसका संदाय पीडिता को किया जाएगा ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ७० (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : १८ वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ सामुहिक बलात्संग.
दण्ड : आजीवन कारावास, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, तक का हो सकेगा और जुर्माना या मृत्युदंड ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जहां किसी स्त्री से, एक या अधिक व्यक्तीयों द्वारा, एक समूह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए बलात्संग किया जाता है, वह उन व्यक्तीयों में से प्रत्येक के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह ऐसी कठोर कारावास से, दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा :
परंतु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चो को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचित और युक्तियुक्त होगा :
परंतु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीडिता को संदत्त किया जाएगा ।
२) जहां किसी स्त्री से, जीसकी आयु १८ वर्ष से कम है, एक या अधिक व्यक्तियों द्वारा, एक समुह गठित करके या सामान्य आशय को अग्रसर करने में कार्य करते हुए बलात्संग किया जाता है, वहां उन व्यक्तियों में से प्रत्येत के बारे में यह समझा जाएगा कि उसने बलात्संग का अपराध किया है और वह ऐसी अवधि के कारावास से, जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा ,दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचीत और युक्तियुक्त होगा :
परन्तु यह और कि इस उप-धारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीडिता को संदत्त किया जाएगा ।