भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ६६ :
पीडिता की मृत्यु या लगातार विकृतशील दशा कारित करने के लिए दण्ड :
धारा : ६६
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : बलात्संग का अपराध करने और ऐसी क्षति पहुंचाने वाला व्यक्ति जिससे स्त्री की मृत्यु कारित हो जाती है या उसकी लगातार विकृतशील दशा हो जाती है ।
दण्ड : कम से कम बीस वर्ष के लिए कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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जो कोई, धारा ६४ की उपधारा (१) या उपधारा (२) के अधीन दण्डनीय कोई अपराध करता है और ऐसे अपराध के दौरान ऐसी कोई क्षति पहुंचाता है जिससे स्त्री की मृत्यु कारित हो जाती है या जिसके कारण उस स्त्री की दशा लगातार विकृतशील हो जाती है, वह ऐसी कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, या मृत्युदंड से दण्डित किया जाएगा ।