भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ६४ :
बलात्संग के लिए दण्ड :
धारा : ६४ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : बलात्संग ।
दण्ड : कम से कम दस वर्ष के लिए कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ६४ (२)
अपराध : किसी पुलिस अधिकारी द्वारा या किसी लोक सेवक या सशस्त्र बलों के सदस्य द्वारा या किसी जेल, प्रतिप्रेषण – गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान या स्त्रियों या बालकों की किसी संस्था के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृंद में के किसी व्यक्ति द्वारा या किसी अस्पताल के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृंद में के किसी व्यक्ति के प्रति, जिससे बलात्संग किया गया है न्यास या प्राधिकारी की स्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा या उस व्यक्ति के, जिससे बलात्संग किया गया है, किसी निकट नातेदार द्वारा किया गया बलात्संग ।
दण्ड : कम से कम दस वर्ष के लिए कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई, उपधारा (२) में उपबंधित मामलों के सिवाय, बलात्संग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई –
क) पुलिस अधिकारी होते हुए –
एक) उस पुलिस थाने की, जिसमें ऐसा पुलिस अधिकारी नियुक्त है, सीमाओं के भीतर; या
दो) किसी भी थाने के परिसर में; या
तीन) ऐसे पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में या ऐसे पुलिस अधिकारी के अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी की अभिरक्षा में,
किसी स्त्री से बलात्संग करेगा ; या
ख) लोक सेवक होते हुए, ऐसे लोक सेवक की अभिरक्षा में या ऐसे लोक सेवक के अधीनस्थ किसी लोक सेवक की अभिरक्षा में की किसी स्त्री से बलात्संग करेगा; या
ग) केन्द्रीय या किसी राज्य सरकार द्वारा किसी क्षेत्र में अभिनियोजित सशस्त्र बलों का कोई सदस्य होते हुए, उस क्षेत्र में बलात्संग करेगा; या
घ) तत्समय प्रवृत्त किसी विधि द्वारा या उसके अधीन स्थापित किसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह या अभिरक्षा के अन्य स्थान के या स्त्रियों की बालकों की किसी संस्था के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृन्द में होते हुए, ऐसी जेल, प्रतिप्रेषण गृह, स्थान या संस्था के किसी निवासी से बलात्संग करेगा; या
ङ) किसी अस्पताल के प्रबंधतंत्र या कर्मचारिवृन्द में होते हुए, उस अस्पताल में किसी स्त्री से बलात्संग करेगा ; या
च) स्त्री का नातेदार, संरक्षक या अध्यापक अथवा उसके प्रति न्यायस या प्राधिकारी की हैसियत में का कोई व्यक्ती होते हुए, उस स्त्री से बलात्संग करेगा ; या
छ) सांप्रदायिक या पंथीय हिंसा के दौरान बलात्संग करेगा; या
ज) किसी स्त्री से यह जानते हुए कि वह गर्भवती है बलात्संग करेगा; या
झ) उस स्त्री के, जो सम्मति देने में असमर्थ है, बलात्संग करेगा; या
ञ) किसी स्त्री पर नियंत्रण या प्रभाव रखने की स्थिति में होते हुए, उस स्त्री से बलात्संग करेगा; या
ट) मानसिक या शारीरिक नि:शक्तता से ग्रसित किसी स्त्री से बलात्संग करेगा; या
ठ) बलात्संग करते समय किसी स्त्री को गंभीर शारिरीक अपहानि कारित करेगा या विकलांग बनाएगा या या विद्रुपित करेगा या उसके जीवन को संकटमय करेगा; या
ड) उस स्त्री से बारबार बलात्संग करेगा,
वह कठोर कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम की नहीं होगी, किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ती के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा के प्रयोजनों के लिए –
क) सशस्त्र बल से नौसेनिक, सैनिक और वायु सैनिक अभिप्रेत है और इसके अंतर्गत तत्समय प्रवृत्त किसी विधि के अधीन गठित सशस्त्र बलों का, जिसमें ऐसे अर्थसैनिक बल और कोई सहायक बल भी है, जो केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन है, कोई सदस्य भी है ।
ख) अस्पताल से अस्पताल का अहाता(क्षेत्र) अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत किसी ऐसी संस्था का अहाता (क्षेत्र) भी है, जो स्वास्थ्य लाभ कर रहे व्यक्तियों को या चिकित्सीय देखरेख या पुनर्वास की अपेक्षा रखने वाले व्यक्तीयों के प्रवेश और उपचार करने के लिए है;
ग) पुलिस अधिकारी का वही अर्थ होगा जो पुलिस अधिनियक, १८६१ (१८६१ का ५) के अधीन पुलिस पद में उसका है;
घ)स्त्रियों या बालकों की संस्था से स्त्रियों और बलाकों को ग्रहण करने और उनकी देखभाल करने के लिए स्थापित और अनुरक्षित कोई संस्था अभिप्रेत है चाहे उसका नाम अनाथालय हो या उपेक्षित स्त्रियों या बालकों के लिए गृह हो या विधवाओं के लिए गृह या किसी अन्य नाम से ज्ञात कोई संस्था हो ।