भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ४७ :
भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण :
वह व्यक्ती इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराथ का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होगा, यदि भारत में किया जाए ।
दृष्टांत :
(क) भारत में (ख) को, जो एक्स देश में विदेशीय है, उस देश में हत्या करने के लिए उकसाता है । (क) हत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है ।