Bns 2023 धारा ३४२ : धारा ३३८ में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणिकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिन्ह की कूटकृति बनाना या कृूटकृत चिन्हयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३४२ :
धारा ३३८ में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणिकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिन्ह की कूटकृति बनाना या कृूटकृत चिन्हयुक्त पदार्थ को कब्जे में रखना :
धारा : ३४२ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारतीय न्याय संहिता की धारा ३३८ में वर्णित दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिन्ह की कूटकृति बनाना या कूटकृत चिन्ह युक्त पदार्थ को कब्जे में रखना ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
धारा : ३४२ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : भारतीय दंड संहिता की धारा ३३८ में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न दस्तावेजों के अधिप्रमाणीकरण के लिए उपयोग में लाई जाने वाली अभिलक्षणा या चिन्ह युक्त पदार्थ को कब्जे में रखना ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
१) जो कोई किसी पदार्थ के उपर, या उसके उपादान में, किसी ऐसी अभिलक्षणा या चिन्हों को, जिसे इस संहिता की धारा ३३८ में वर्णित किसी दस्तावेज के अधिप्रमाणीकरण के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है, कूटकृति यह आशय रखते हुए बनाएगा,कि ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिन्ह को, ऐसे पदार्थ पर उस समय कूटरचित की जा रही हो या उसके पश्चात् कूटरचित की जाने वाली किसी दस्तावेज को अधिप्रमाणीकृत का आभास प्रदान करने के प्रयोजन से उपयोग में लाया जाएगा या जो ऐसे आशय से कोई ऐसा पदार्थ अपने कब्जे में रखेगा, जिस पर या जिसके उपादान में ऐसी अभिलक्षणा को या ऐसे चिन्ह की कूटकृति बनाई गई हो, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई किसी पदार्थ के उपर , या उसके उपादान में, किसी ऐसी अभिलक्षणा या चिन्हों को, जिसे इस संहिता की धारा ३३८ में वर्णित दस्तावेजों से भिन्न किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख के अधिप्रमाणीकरण के प्रयोजन के लिए उपयोग में लाया जाता है, कूटकृति यह आशय रखते हुए बनाएगा,कि ऐसी अभिलक्षणा या ऐसे चिन्ह को, ऐसे पदार्थ पर उस समय कूटरचित की जा रही हो या उसके पश्चात् कूटरचित की जाने वाली किसी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख को अधिप्रमाणीकृत का आभास प्रदान करने के प्रयोजन से उपयोग में लाया जाएगा या जो ऐसे आशय से कोई ऐसा पदार्थ अपने कब्जे में रखेगा, जिस पर या जिसके उपादान में ऐसी अभिलक्षणा को या ऐसे चिन्ह की कूटकृति बनाई गई हो, वह दोनों में से भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।

Leave a Reply