भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३३४ :
ऐसे पात्र को, जिसमें संपत्ति है, बेइमानी से तोडकर खोलना :
धारा : ३३४ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसे बंद पात्र को, जिसमें सम्पत्ति है या समझी जाती है, बेईमानी से तोड कर खोलना या उपबंधित करना ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३४ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : ऐसे बंद पात्र का, जिसमें सम्पत्ति है या समझी जाती है, न्यस्त किए जाने पर कपटपूर्वक खोलना ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई ऐसे पात्र को, जिसमें संपत्ति हो या जिसमें संपत्ति होने का उसे विश्वास हो, बेईमानी से या रिष्टि करने के आशय से तोडकर खोलेगा या उद्बंधित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई ऐसा बंद पात्र, जिसमें संपत्ति हो, या जिसमें संपत्ति होने का उसे विश्वास हो, अपने पास न्यस्त(सौपना) किए जाने पर उसको खोलने का प्राधिकार न रखते हुए, बेईमानी से या रिष्टि करने के आशय से, उस पात्र को तोडकर खोलेगा या उद्बंधित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।