भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३३२ :
अपराध को करने के लिए गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) :
धारा : ३३२ (क)
अपराध का वर्गीकरण :
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कठिन कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ३३२ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ३३२ (ग)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कारावास से दंडनीय अपराध को करने के लिए गृह-अतिचार ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है जिस पर अतिचार किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : यदि वह अपराध चोरी है ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है जिस पर अतिचार किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई ऐसा अपराध करने के लिए गृह अतिचार करेगा,-
क) जो मृत्यु से दण्डनीय है, वह आजीवन कारावास से, या कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से अधिक नहीं होगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
ख) जो आजीवन कारावास से दण्डनीय है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से अधिक नहीं होगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
ग) जो कारावास से दण्डनीय है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास कि अवधि सात वर्ष तक कि हो सकेगी ।