भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३३१ :
गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) या गृह-भेदन के लिए दण्ड :
धारा : ३३१ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : यदि वह अपराध चोरी है ।
दण्ड : 10 वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कारावास से दंडनीय अपराध करने के लिए रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन ।
दण्ड : पांच वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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अपराध : यदि वह अपराध चोरी है ।
दण्ड : चौदह वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (५)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उपहति कारित करने, हमला, आदि की तैयारी के पश्चात् प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (६)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उपहति कारित करने, आदि की तैयारी के पश्चात् रात्रौ प्रच्छन्न गृह-अतिचार या रात्रौ गृह-भेदन ।
दण्ड : चौदह वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३३१ (७)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : प्रच्छन्न गृह-अतिचार या गृह-भेदन करते समय कारित घोर उपहति ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ३३१ (८)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : रात्रौ गृह-भेदन, आदि में संयुक्तत: सम्पृक्त समस्त व्यक्तियों में से एक द्वारा कारित मृत्यु या घोर उपहति ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई प्रच्छन्न गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) या गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई सुर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व प्रच्छन्न गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) या गृह-भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
३) जो कोई कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी ।
४) जो कोई सुर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व कारावास से दण्डनीय अपराध करने के लिए प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा, तथा यदि वह अपराध, जिसका किया जाना आशयित हो, चोरी हो, तो कारावास की अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी ।
५) जो कोई किसी व्यक्ती को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ती पर हमला करने की या किसी व्यक्ती का सदोष अवरोध करने की अथवा किसी व्यक्ती को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध करने के भय में डालने की तैयारी करके, प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
६) जो कोई सुर्यास्त के पश्चात् और सूर्योदय से पूर्व किसी व्यक्ती को उपहति कारित करने की या किसी व्यक्ती पर हमला करने की या किसी व्यक्ती का सदोष अवरोध करने की अथवा किसी व्यक्ती को उपहति के, या हमले के, या सदोष अवरोध करने के भय में डालने की तैयारी करके, प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
७) जो कोई प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करते समय किसी व्यक्ती को घोर उपहति कारित करेगा या किसी व्यक्ती की मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
८) यदि प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन सुर्यास्त के पश्चात् और सुर्योदय से पूर्व करते समय ऐसे अपराध का दोषी कोई व्यक्ती स्वेच्छया किसी व्यक्ती की मृत्यु या घोर उपहति कारित करेगा या मृत्यु या घोर उपहति कारित करने का प्रयत्न करेगा, तो ऐसे प्रच्छन्न (गुप्त) गृह अतिचार या गृह भेदन करने में संयुक्तत: संपृक्त हर व्यक्ती, आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।