भारतीय न्याय संहिता २०२३
आपराधिक अतिचार के विषय में :
धारा ३२९ :
आपराधिक अतिचार (अनधिकार प्रवेश) और गृह अतिचार :
धारा : ३२९ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आपराधिक अतिचार ।
दण्ड : तीन मास के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है जिस पर अतिचार किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३२९ (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : गृह-अतिचार ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है जिस पर अतिचार किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :कोई मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई किसी ऐसी संपत्ति में या ऐसी संपत्ति कर, जो किसी दुसरे के कब्जे में है, इस आशय से प्रवेश करता है, कि वह कोई अपराध करे या किसी व्यक्ती को, जिसके कब्जे में ऐसी संपत्ति है, अभित्रस्त, अपमानित या क्षुब्ध करे, अथवा ऐसी संपत्ति में या ऐसी संपत्ति पर, विधिपूर्वक प्रवेश करके वहां विधिविरुद्ध रुप में इस आशय में बना रहता है कि तद्द्वारा वह किसी ऐसे व्यक्ती को अभित्रस्त, अपमानित, या क्षुब्ध करे या इस आशय से बना रहता है कि वह कोई अपराध करे, वह आपराधिक अतिचार (अनधिकार प्रवेश) करता है, यह कहा जाता है ।
२) जो कोई किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में, जो मानव निवास के रुप में उपयोग में अता है, या किसी निर्माण में, जो उपासना स्थान के रुप में, या किसी संपत्ति की अभिरक्षा के स्थान के रुप में उपयोग में आता है, प्रवेश करके या उसमें बना रहकर, आपराधिक अतिचार करता है, वह गृह अतिचार करता है, यह कहा जाता है ।
स्पष्टीकरण :
आपराधिक अतिचार करने वाले व्यक्ती के शरीर के किसी भाग का प्रवेश गृह अतिचार गठित करने के लिए पर्याप्त प्रवेश है ।
३) जो कोई आपराधिक अतिचार (अनधिकार प्रवेश) करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
४) जो कोई गृह अतिचार (अनधिकार प्रवेश) करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।