भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३२७ :
रेल, वायुयान, तल्लायुक्त या बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या सापद (असुरक्षित) बनाने के आशय से रिष्टि :
धारा : ३२७ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : तल्लायुक्त अथवा बीस टन बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या सापद बनाने के आशय से रिष्टि ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ३२७ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : पिछली उपधारा (१) में वर्णित रिष्टि जब अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा की गई हो ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई किसी रेल, वायुयान, तल्लायुक्त जलयान या बीस टन या उससे अधिक बोझ वाले जलयान को नष्ट करने या सापद (असुरक्षित) बना देने के आशय से, या यह संभाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा उसे नष्ट करेगा, या सापद (असुरक्षित) बना देगा उस रेल, वायुयान, जलयान की रिष्टि करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई अग्नि या किसी विस्फोटक पदार्थ द्वारा ऐसी रिष्टि करेगा, या करने का प्रयत्न करेगा, जैसी उपधारा (१) में वर्णित है, वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा ।