भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३२३ :
संपत्ति का बेईमानी से या कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना :
धारा : ३२३
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की सम्पत्ति का कपटपूर्वक अपसारण या छिपाया जाना अथवा उसके करने में सहायता करना अथवा जिस मांग या दावे का वह हकदार है उसे बेईमानी से छोड देना ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : उससे प्रभावित व्यक्ति ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई बेइमानी से या कपटपूर्वक अपनी या किसी अन्य व्यक्ती की किसी संपत्ति को छिपाएगा या अपसारित करेगा, या उसके छिपाए जाने में या अपसारित किए जाने में बेईमानी से या कपटपूर्वक सहायता करेगा, या बेईमानी से किसी ऐसी मांग या दावे को, जिसका वह हकदार है, छोड देगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।