भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३१९ :
प्रतिरुपण द्वारा छल :
धारा : ३१९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : प्रतिरुपण द्वारा छल ।
दण्ड : पांच वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति, जिससे छल किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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१) कोई व्यक्ती प्रतिरुपण द्वारा छल करता है, यह तब कहा जाता है, जब वह यह अपदेश करके (बहाना करके) कि वह कोई अन्य व्यक्ती है, या एक व्यक्ती को किसी अन्य व्यक्ती के रुप में जानते हुए प्रतिस्थापित करके, या यह व्यपदिष्ट करके कि वह या कोई अन्य व्यक्ती, कोई ऐसा व्यक्ती है, जो वस्तुत: उससे या अन्य व्यक्ती से भिन्न है, छल करता है ।
स्पष्टीकरण :
यह अपराध हो जाता है चाहे वह व्यक्ती जिसका प्रतिरुपण किया गया है, वास्तविक व्यक्ती हो या काल्पनिक ।
दृष्टांत :
क) (क) उसी नाम का अमुक धनवान बैंकार है उस अपदेश द्वारा छल करता है । (क) प्रतिरुपण द्वारा छल करता है ।
ख) (ख) जिसकी मृत्यु हो चुकी है, हाने का अपदेश करने द्वारा (क) छल करता है । (क) प्रतिरुपण द्वारा छल करता है ।
२) जो कोई प्रतिरुपण द्वारा छल करेगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि पांच वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।