Bns 2023 धारा ३०८ : उद्यापन (बलात्ग्रहन) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
उद्यापन (बलात्ग्रहन) के विषय में :
धारा ३०८ :
उद्यापन (बलात्ग्रहन) :
धारा : ३०८ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उद्यापन.
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३०८ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उद्यापन करने के लिए क्षति के भय में डालना या डालने का प्रयत्न करना ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनो ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३०८ (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उद्दापन करने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालेगा या डालने का प्रयत्न करना ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३०८ (५)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति को मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालकर उद्दापन ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३०८ (६)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : उद्यापन करने के लिए किसी व्यक्ति को मृत्यु, आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय अपराध का अभियोग लगाने के भय में डालना ।
दण्ड :दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : ३०८ (७)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : मृत्यु, आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय अपराध का अभियोग लगाने की धमकी देकर उद्यापन ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास, और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई किसी व्यक्ती को स्वयं उस व्यक्ती को या किसी अन्य व्यक्ती को कोई क्षति करने के भय में साशय डालता है, और एतद्द्वारा इस प्रकार भय में डाले गए व्यक्ती को, कोई सम्पत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति या हस्ताक्षरित या मुद्रांकित कोई चीज, जिसे मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सके, किसी व्यक्ती को परिदत्त करने के लिए बेईमानी से उत्प्रेरित करता है, वह उद्यापन (बलात्ग्रहन) करता है ।
दृष्टांत :
क) (क) यह धमकी देतो है कि यदि (य) ने उसको धन नहीं दिया, तो वह (य) के बारे में मानहानिकारक अपमानलेख प्रकाशित करेगा । अपने को धन देने के लिए वह इस प्रकार (य) को उत्प्रेरित करता है । (क) ने उद्दापन किया है ।
ख) (क), (य) को वह धमकी देता है कि वह (क) को कुछ धन देने के संबंध में अपने आपको आबद्ध करने वाला एक वचनपत्र हस्ताक्षरित करके (क) को परिदत्त नहीं कर देता, तो वह (य) के शिशु को सदोष परिरोध में रखेगा । (य) वचनपत्र हस्ताक्षरित करके परिदत्त कर देता है । (क) ने उद्दापन किया है ।
ग) (क) यह धमकी देता है कि यदि (य), (ख) को कुछ उपज परिदत्त कराने के लिए शास्तियुक्त बंधपत्र हस्ताक्षरित नहीं करेगा और (ख) को न देगा, तो वह (य) के खेत को जोत डालने के लिए लठैत भेज देगा और तद्द्वारा (य) को वह बंधपत्र हस्ताक्षरित करने के लिए और परिदत्त करने के लिए उत्प्रेरित करता है । (क) ने उद्दापन किया है ।
घ) (क), (य) को घोर उपहति करने के भय में डालकर बेईमानी से (य) को उत्प्रेरित करता है कि वह कोरे कागज पर हस्ताक्षर कर दे या अपनी मुद्रा लगा दे और उसे (क) को परिदत्त कर दे । (य) उस कागज पर हस्ताक्षर करके उसे (क) को परिदत्त कर देता है यहां, इस प्रकार हस्ताक्षरित कागज मूल्यवान प्रतिभूति में परिवर्तित किया जा सकता है, इसलिए (क) ने उद्दापन किया है ।
ङ) (क) (य) को किसी इलेक्ट्रानिक युक्ति से माध्यम से यह संदेश भेजकर धमकी देता है कि तुम्हारा बच्चा मेरे कबजे में है और उसे मार दिया जाएगा यदि तुम मुझे एक लाख रुपए नहीं देते हो (क) इस प्रकार (य) को उसे पैसे देने के लिए उत्प्रेरित करता है। (क) ने उद्दापन किया है ।
२) जो कोई उद्दापन (बलातग्रहन) करेगा, वह दानों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
३) जो कोई उद्यापन (बलातग्रहन) करने के लिए किसी व्यक्ती को किसी क्षति के पहुंचाने के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
४) जो कोई उद्यापन (बलातग्रहन) करने के लिए किसी व्यक्ती के स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ती की मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालेगा या भय में डालने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
५) जो कोई किसी व्यक्ती को स्वयं उसकी या किसी अन्य व्यक्ती की मृत्यु या घोर उपहति के भय में डालकर उद्यापन (बलातग्रहन) करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
६) जो कोई उद्यापन (बलातग्रहन) करने के लिए किसी व्यक्ती को, स्वयं उसके विरुद्ध या अन्य किसी व्यक्ती के विरुद्ध यह अभियोग लगाने का भय दिखलाएगा या भय दिखलाने का प्रयत्न करेगा कि उसने ऐसा अपराध किया है या करने का प्रयत्न किया है, जो मृत्यु से या आजीवन कारावास से या दस वर्ष तक के कारावास से दण्डनीय है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा;
७) जो कोई किसी व्यक्ती को स्वयं उसके विरुद्ध या किसी अन्य व्यक्ती के विरुद्ध यह अभियोग लगाने के भय में डालकर कि उसने कोई ऐसा अपराध किया है, या करने का प्रयत्न किया है, जो मृत्यु से या आजीवन कारावास से या ऐसे कारावास से दण्डनीय है, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, अथवा यह कि उसने किसी अन्य व्यक्ती को ऐसा अपराध करने के लिए उत्प्रेरित करने का प्रयत्न किया है, उद्यापन (बलातग्रहन) करेगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।

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