Bns 2023 धारा ३०५ : निवास गृह, यातायात के साधन या पूजा स्थल आदि में चोरी :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३०५ :
निवास गृह, यातायात के साधन या पूजा स्थल आदि में चोरी :
धारा : ३०५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : निवास गृह, यातायात के साधन या पूजा स्थल आदि में चोरी ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई,-
क) ऐसे किसी निर्माण, तम्बू या जलयान में चोरी करेगा, जो निर्माण, तम्बू या जलयान मानव निवास के रुप में, या संपत्ति के अभिरक्षा के रुप में , उपयोग में आता हो; या
ख) ऐसे किसी यातायात के साधन में चोरी करेगा, जो माल या यात्रियों के यातायात के लिए उपयोग किया होता है; या
ग) ऐसे किसी यातायात के साधन से किसी वस्तु या माल की चोरी करेगा, जो माल या यात्रियों के यातायात के लिए उपयोग किया होता है; या
घ) किसी पूजा स्थल की मूर्ति या प्रतीक की चारी करेगा; या
ङ) सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकरण की किसी संपत्ति की चारी करेगा,
वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।

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