भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २९९ :
विमर्शित (जानबूझकर) विद्वेषपूर्ण कार्य जो किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान कारक उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आशय से किए गए हों :
धारा : २९९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : कोणत्याही वर्गाच्या धर्माचा किंवा धार्मिक श्रद्धांचा दुष्ट उद्देशाने अपमान करणे.
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
———
जो कोई भारत के नागरिकों के किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के विमर्शित (जानबूझकर) और विद्वेषपूर्ण आशय से उस वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान उच्चारित या लिखित शब्दों द्वारा या संकेतों द्वारा या दृश्यरुपणों द्वारा या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से या अन्यथा करेगा या करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारवास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डनीय होगा ।