भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २७९ :
लोक जल स्त्रोत या जलाशय का जल कलुषित (अशुद्ध) करना :
धारा : २७९
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोक जल-स्त्रोत या जलाशय का जल कलुषित करना ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई लोक जल-स्त्रोत या जलाशय के जल को स्वेच्छया इस प्रकार भ्रष्ट या कलुषित करेगा कि वह उस पअयोजन के लिए, जिसके लिए वह मामुली तौर पर उपयोग में आता हो, कम उपयोगी हो जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से , दण्डनीय होगा ।