भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २६३ :
किसी अन्य व्यक्ती द्वारा विधि के अनुसार पकडे जाने में प्रतिरोध या बाधा :
धारा : २६३ (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति के विधि के अनुसार पकडे जाने में प्रतिरोध या बाधा या विधिपूर्वक अभिरक्षा से उसे छुडाना ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २६३ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास से दंडनीय अपराध से आरोपित हो ।
दण्ड : तीन वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २६३ (ग)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि मृत्यु दंड से दंडनीय अपराध से आरोपित है ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २६३ (घ)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि वह व्यक्ति आजीवन कारावास या दस वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दंडादिष्ट है ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २६३ (ङ)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि मृत्यु दंडादेश के अधीन है ।
दण्ड : आजीवन कारावास, या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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जो कोई किसी अपराध के लिए किसी दूसरे व्यक्ती के विधि के अनुसार पकडे जाने में साशय प्रतिरोध करेगा या बाधा डालेगा, या किसी दुसरे व्यक्ती को किसी ऐसी अभिरक्षा से, जिसमें वह व्यक्ती किसी अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, साशय छुडाएगा या छुडाने का प्रयत्न करेगा,-
क) वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा; या
ख) यदि उस व्यक्ती पर, जिसे पकडा जाना, हो या जो छुडाया गया हो, या जिसके छडाने का प्रयत्न किया गया हो, आजीवन कारावास से, या दस वर्ष तक की अवधि के कारावास से, दण्डनीय अपराध का आरोप हो या वह उसके लिए पकडे जाने के दायित्व के अधीन हो, तो वह दोनों मे से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा; या
ग) यदि उस व्यक्ती पर, जिसे पकडा जाना, हो या जो छुडाया गया हो, या जिसके छडाने का प्रयत्न किया गया हो, मृत्यु दण्ड से दण्डनीय अपराध का आरोप हो या वह उसेके लिए पकडे जाने का दायित्व के अधीन हो तो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सेकगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा; या
घ) यदि वह व्यक्ती जिसे पकडा जाना हो या जो छडाया गया हो, या जिसके छडाने का प्रयत्न किया गया हो, किसी न्यायालय के दण्डादेश के अधीन, या वह ऐसे दण्डादेश के लघुकरण के आधार पर आजीवन कारावास या दस वर्ष या उससे अधिक के कारावास से दण्डनीय हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा; या
ङ) यदि वह व्यक्ती, जिसे पकडा जाना हो, या जो छुडाया गया हो या जिसके छुडाने का प्रयत्न किया गया हो, मृत्यु दण्डादेश के अधीन हो, तो वह आजीवन कारावास से, या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से अनधिक है, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।