भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २२६ :
विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने या प्रयोग करने से विरत रहने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास :
धारा : २२६
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : विधिपूर्ण शक्ति का प्रयोग करने या प्रयोग करने से विरत रहने के लिए आत्महत्या करने का प्रयास ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों या सामुदायिक सेवा ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी लोक सेवक को अपने शासकीय कर्तव्य करने या शासकीय कर्तव्यों का निर्वहन करने से विरत रहने के आशय से या करने हेतु आत्महत्या का प्रयास करता है, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, या समुदाय सेवा से दंडनीय होगा ।