भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २१४ :
प्राधिकृत लोक सेवक द्वारा पुछे गए प्रश्न का उत्तर देने से इन्कार करना :
धारा : २१४
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : सत्य कथन करने के लिए वैध रुप से आबद्ध होते हुए प्रश्नों का उत्तर देने से इन्कार करना ।
दण्ड : छह मास के लिए सादा कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : अध्याय २८ के उपबंधो के अधीन रहते हुए वह न्यायालय जिसमें अपराध किया गया है या यदि अपराध न्यायालय में नहीं किया गया है तो कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी लोक सेवक से किसी विषय पर सत्य कथन करने के लिए वैध रुप से आबद्ध होते हुए, ऐसे लोकसेवक की वैध शक्तियों के प्रयोग में उस लोक सेवक द्वारा उस विषय के बारे में उससे पुढे गए किसी प्रश्न का उत्तर देने से इन्कार करेगा, वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।