भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २१२ :
मिथ्या इत्तिला देना :
धारा : २१२ ( क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोक सेवक को जानते हुए मिथ्या इत्तिला देना ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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धारा : २१२ (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि अपेक्षित इत्तिला अपराध किए जाने आदि के विषय में हो ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी लोक सेवक को ऐसे लोक सेवक के नाते किसी विषय पर इत्तिला देने के लिए वैध रुप से आबद्ध (बंधा हुआ) होते हुए उस विषय पर सच्ची इत्तिला के रुप में ऐसी इत्तिला देगा जिसका मिथ्या होना वह जानता है या जिसके मिथ्या होने का विश्वास करने का कारण उसके पास है,-
क) वह सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा;
ख) यदि वह इत्तिला, जिसे देने के लिए, वह वैध रुप से आबद्ध हो, कोई अपराध किए जाने के विषय में हो, या किसी अपराध के किए जाने का निवारण करने के प्रयोजन से, या किसी अपराधी को पकडने के लिए अपेक्षित हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
दृष्टांत :
क) (क) एक भू-धारक यह जाने हुए कि उसकी भू-सम्पदा की समीओं के अंदर एक हत्या की गई है, उस जिले के मजिस्ट्रेट को जानबूझकर यह मिथ्या इत्तिला देता है कि मृत्यु सांप कांटने के परिणामस्वरुप दुर्घटना से हुई है । (क) इस धारा में परिभाषित अपराध का दोषी है ।
ख) (क) जो ग्राम चौकीदार है, यह जानते हुए कि अनजाने लोगों का एक बडा गिरोह (य) के गृह में, जो पडोस के गांव का निवासी एक धनी व्यापारी है, डकैती करने के लिए उसके गांव से होकर गया है और निकटतम पुलिस थाने के आफिसर को उपरोक्त घटना की इत्तिला शीघ्र और ठीक समय पर देने के लिए आबद्ध होते हुए, पुलिस आफिसर को जानबूझकर यह मिथ्या इत्तिला देता है कि संदिग्धशील के लोगों का एक गिरोह किसी भिन्न दिशा में स्थित एक दूरस्थ स्थान पर डकैती करने के लिए गांव से होकर गया है । यहां (क) इस धारा के दूसरे भाग में परिभाषित अपराध का दोषी है ।
स्पष्टीकरण :
धारा २११ में और इस धारा में अपराध शब्द के अन्तर्गत भारत से बाहर किसी स्थान पर किया गया कोई ऐसा कार्य आता है, जो यदि भारत में किया जाता, तो निम्नलिखित धारा अर्थात धारा १०३, १०५, ३०७, धारा ३०९ की उपधारा (२), उपधारा (४), धारा ३१० की उपधारा (२), उपधारा (३), उपधारा (४) और उपधारा (५), धारा ३११, ३१२, धारा ३२६ के खंड (च) और खंड (छ), धारा ३३१ की उपधारा (४), उपधारा (६), उपधारा (७) और उपधारा (८), धारा ३३२ के खंड (क) और खंड (ख) में किसी धारा के अधीन दण्डनीय होता; और अपराधी शब्द के अन्तर्गत कोई भी ऐसा व्यक्ती आता है, जो कोई ऐसा कार्य करने का दोषी अभिकथित हो ।