भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १९५ :
जब कोई लोकसेवक जब बल्वा (उपद्रव / दंगा) इत्यादि को दबा रहा हो, तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना :
धारा : १९५ (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोकसेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो तब उस पर हमला करना या उसे बाधित करना ।
दण्ड : ३ वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना जो कम से कम २५००० रुपऐ होगा, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : १९५ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : लोकसेवक जब बल्वे इत्यादि को दबा रहा हो तब हमले की धमकी देना या काम में बाधा डालने का प्रयत्न करना ।
दण्ड : १ वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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१) जो कोई ऐसे किसी लोक सवक पर, जो विधिविरुद्ध जमाव के बिखरने का, या बल्वे या दंगे को दबाने का प्रयास ऐसे लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य के निर्वहन में कर रहा हो, हमला करेगा या उसके काम में बाधा (व्यत्यय) डालेगा या ऐसे लोक सेवक पर आपराधिक बल का प्रयोग करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पच्चीस हजार रुपए से कम का नहीं होगा या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
२) जो कोई ऐसे किसी लोक सवक पर, जो विधिविरुद्ध जमाव के बिखरने का, या बल्वे या दंगे को दबाने का प्रयास ऐसे लोक सेवक के नाते अपने कर्तव्य के निर्वहन में कर रहा हो, हमले की धमकी देगा या हमले का प्रयास करेगा या उसके काम में बाधा डालने का प्रयत्न करेगा या ऐसे लोक सेवक पर आपराधिक बल प्रयोग की धमकी देगा, या आपराधिक बल प्रयोग करने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।