भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १९० :
विधिविरुद्ध जमाव का हर सदस्य, सामान्य (सार्वजनिक/आम) उद्देश को अग्रसर करने में किए गए अपराध का दोषी :
धारा : १९०
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : यदि विधिविरुद्ध जमाव के किसी सदस्य द्वारा अपराध किया जाता है तो ऐसे जमाव का हर अन्य सदस्य उस अपराध का दोषी होगा ।
दण्ड : वही जो उस अपराध के लिए है ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : इसके अनुसार कि वह अपराध संज्ञेय या असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : इसके अनुसार कि अपराध जमानतीय है या अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : वह न्यायालय जिसके द्वारा वह अपराध विचारणीय है ।
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यदि विधिविरुद्ध जमाव के किसी सदस्य द्वारा उस जमाव के सामन्य उद्देश्य को अग्रसर करने में अपराध किया जाता है, या कोई ऐसा अपराध किया जाता है, जिसका किया जाना उस जमाव के सदस्य उस उद्देश्य को अग्रसर करने में संभाव्य जानते थे, तो हर व्यक्ति उस अपराध को दोषी होगा, जो उस अपराध के किए जाने के समय उस जमाव का सदस्य है ।