भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १८७ :
टकसाल (सिक्कों का ढलाई का स्थान) में नियोजित व्यक्ती द्वारा सिक्के का उस वजन का या मिश्रण से भिन्न कारित किया जाना जो विधि द्वारा नियत है :
धारा : १८७
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : टकसाल में नियोजित व्यक्ति द्वारा सिक्के का उस वजन मिश्रण से भिन्न कारित किया जाना जो विधि द्वारा नियत है ।
दण्ड :सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय :संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है :प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई भारत में विधिपूर्वक स्थापित किसी टकसाल ( सिक्कों का ढलाई का स्थान) में से नियोजित होते हुए इस आशय से कोई कार्य करेगा, या उस कार्य का लोप करेगा, जिसे करेन के लिए वह वैध रुप से आबद्ध (बंधा हुआ) हो, कि उस टकसाल से प्रचालित को सिक्का विधि द्वारा नियत वजन या मिश्रण से भिन्न वजन या मिश्रण का कारित हो, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।