भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १६५ :
मास्टर (अध्यक्ष / प्रधान) की उपेक्षा (लापरवाही) से किसी वाणिज्यिक जलयान पर छिपा हुआ अभित्याजक (संपरित्यागी / छोडकर भागा हुआ / पलायन फरारी ) :
धारा : १६५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : मास्टर या भारसाधक व्यक्ति की उपेक्षा से वाणिज्यिक जलयान पर छिपा हुआ अभित्याजक ।
दण्ड : तीन हजार रुपए का जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
———
किसी ऐसे वाणिज्यिक जलयान का, जिस पर भारत सरकार की सेना, नौसेना या वायुसेना का कोई अभित्याजक छिपा हुआ हो, मास्टर या भारसाधक व्यक्ति, यद्यपि वह ऐसे छिपने के संबंध में अनभिज्ञ (अनजान) हो, ऐसी शास्ति से दण्डनीय हो जो तीन हजार रुपए से अधिक नहीं होगी, यदि उसे ऐसे छिपने का ज्ञान हो सकता था, किन्तु केवल इस कारण नहीं हुआ कि ऐसे मास्टर या भारसाधक व्यक्ति के नाते उसके कर्तव्य में कुछ उपेक्षा (लापरवाही) हुई या उस जलयान पर अनुशासन का कुछ अभाव था ।