भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १४५ :
दासों का अभ्यासिक व्यौहार करना :
धारा : १४५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : दासों का आभ्यासिक व्यौहार करना ।
दण्ड : आजीवन कारावास या दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय :अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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जो कोई अभासत: दासों को आयात करेगा, निर्यात करेगा, अपसारित करेगा, खरीदेगा, बेचेगा या उनका दुर्व्यापार या व्यौहार करेगा, वह आजीवन कारावास या दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से अधिक न होगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।