भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १३५ :
किसी व्यक्ती का सदोष परिरोध करने के प्रयत्नों में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग :
धारा : १३५
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध करने के प्रयत्न में हमला या आपराधिक बल का प्रयोग ।
दण्ड : एक वर्ष के लिए कारावास, या पांच हजार रुपए का जुर्माना, या दानों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिस पर हमला किया गया या जिस पर बल का प्रयोग किया गया था ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ती का सदोष परिरोध करने का प्रयत्न करने में करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाच हजार रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।