भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १३१ :
गंभीर प्रकोपन (उत्तेजना) होने से अन्यथा हमला करने या आपराधिक बल का प्रयोग करने के लिए दण्ड :
धारा : १३१
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : गंभीर प्रकोपन होने से अन्यथा हमला या आपराधिक बल का प्रयोग ।
दण्ड : तीन मास के लिए कारावास, या एक हजार रुपए जुर्माना, या दानों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : वह व्यक्ति जिस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग किया गया है ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई किसी व्यक्ती पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग उस व्यक्ती द्वारा गंभीर और अचानक प्रकोपन (उत्तेजना) दिए जाने पर करने से अन्यथा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, जो पाँच सौ रुपए तक का हो सकेगा, या दानों से, दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण १ :
गंभीर और अचानक प्रकोपन के इस धारा के अधीन किसी अपराध के दण्ड में कमी नहीं होगी, –
(a) क) यदि वह प्रकोपन अपराध करने के लिए प्रतिहेतु के रुप में अपराधी द्वारा स्वेच्छया प्रकोपित किया गया हो, अथवा
(b) ख) यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो विधि के पालन में, या किसी लोक सेवक द्वारा ऐसे लोक सेवक की शक्ती के विधिपूर्ण प्रयोग में, की गई हो, अथवा
(c) ग) यदि वह प्रकोपन किसी ऐसी बात द्वारा दिया गया हो जो प्राइवेट (नीजी) प्रतिरक्षा के अधिकार के विधिपूर्ण प्रयोग में की गई हो ।
स्पष्टीकरण २ :
प्रकोपन अपराध को कम करने के लिए पर्याप्त गंभीर और अचानक था या नहीं, यह तथ्य का प्रश्न है ।