भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ११३ :
आतंकवादी कृत्य :
धारा : ११३ (२) (क)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आतंकवादी कार्य, जिसके परिणामस्वरुप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है ।
दण्ड : मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (२) (ख)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी अन्य दशा में ।
दण्ड : कारावास, जो ५ वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आतंकवादी कार्य किए जाने का प्रयत्न, षडयंत्र, दुष्प्रेरण करना या जानबूझकर उसे सुकर बनाना ।
दण्ड : कारावास, जो ५ वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आतंकवादी कार्य कारित करने के लिए कैम्प, प्रशिक्षण आदि आयोजित करना ।
दण्ड : कारावास, जो ५ वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (५)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आतंकवादी संगठन का सदस्य होना, जो कार्य में अंतवर्लित है ।
दण्ड : आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (६)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति को, जिसने आतंकवादी कार्य कारित किया है, संश्रय देना या छिपाना ।
दण्ड : कारावास, जो ३ वर्ष से कम नहीं होगा किन्तु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ११३ (७)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : आतंकवादी कार्य से व्युत्पन्न या प्राप्त कोई संपत्ति धारण करना ।
दण्ड : आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई, भारत की एकता, अखंडता, संप्रभूता, सुरक्षा या आर्थिक सुरक्षा या प्रभुता को संकट में डालने या संकट में डालने की संभावना के आशय से या किसी विदेश में जनता अथवा जनता के किसी वर्ग में आतंक फैलाने या आतंक फैलाने की संभावना के आशय से निम्नलिखित कार्य करता है तो वह आतंक वादी कार्य करता है, अर्थात :-
(a) क) बमों, डायनामाइटों या अन्य विस्फोटक पदार्थों या ज्वलनशील पदार्थों या अग्नायुद्धों या अन्य प्राणहर आयुधों या विषों या अपायकारक गैसों या अन्य रसायनों या कोई अन्य परिसंकटमय प्रकृति के पदार्थों (चाहे जैविक, रेडियोधर्मी, या न्यूक्लीयर हो या अन्यथा) या किसी भी प्रकृति के किन्हीं अन्य साधनों का उपयोग करके ऐसा कोई कार्य करता है, जिससे,-
एक) किसी व्यक्ति या व्यक्तियों की मृत्यु होती है या उन्हें क्षति होती है या होने की संभावना है; या
दो) संपत्ति की हानि या उसका नुकसान या विनाश होता है या होने की संभावना है;
तीन) भारत में या किसी विदेश में समुदाय जीवन के लिए अनिवार्य किन्हीं प्रदायों या सेवाओं में विघ्न कारित होता है या होने की संभावना है; या
चार) सिक्के या किसी अन्य सामग्री की कृटकृत भारतीय कागज करेंसी के निर्माण या उसकी तस्करी या परिचालन से भारत की आर्थिक स्थिरता को नुकसान कारित होता है या होने की संभावना है; या
पांच) भारत की प्रतिरक्षा या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या उनके किन्हीं अभिकरणों के किन्हीं अन्य प्रयोजनां के संबंध में उपयोग की जाने वाली या उपयोग किए जाने के लिए आशयित भारत में या विदेश में किसी सम्पत्ति का नुकसान या विनाश होता है होने की संभावना है; या
(b) ख) लोक कृत्यकारियों को आपराधिक बल के द्वारा या आपराधिक बल का प्रदर्शन करके आतंकित करता है या ऐसा करने का प्रयत्न करता है या किसी लोक कृत्यकारी की मृत्यु कारित करता है या किसी लोक कृत्यकारी की मृत्यु कारित करने का प्रयत्न करता है; या
(c) ग) किसी व्यक्ति को निरुद्ध करता है, उसका व्यपहरण या अपहरण करता है या ऐसी व्यक्ति को मारने या क्षति पहुंचाने को धमकी देता है या भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या किसी विदेश की सरकार या किसी आंतरराष्ट्रीय या अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को कोई कार्य करने या किसी कार्य को करने के प्रविरत रहने के लिए बाध्य करने के लिए कोई अन्य कार्य करता है;
स्पष्टीकरण :
इस उपधारा के प्रयोजन के लिए,-
(a) क) लोक कृत्यकारी से संवैधानिक प्राधिकारी या केन्द्रीय सरकार द्वारा राजपत्र में लोक कृत्यकारी के रुप में अधिसूचित कोई अन्य कृत्यकारी अभिप्रेत है;
(b) ख) कूटकृत भारतीय करेंसी से ऐसी कूटकृत करेंसी अभिप्रेत है, जो किसी प्राधिकृत या अधिसूचित न्याय संबंधी प्राधिकारी द्वारा यह परीक्षा करने के पश्चात् कि ऐसी करेंसी भारतीय करेंसी के मुख्य सुरक्षा लक्षणों की अनुकृति है या उसे अनुरुप है, उस रुप में घोषित की जाए।
२) जो कोई आतंकवादी कार्य कारित करेगा,-
(a) क) यदि ऐसे अपराध के परिणामस्वरुप किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दंडित होगा और जुर्माने से लिए भी दायी होगा;
(b) ख) किसी अन्य मामलों में, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगा किंतु आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा ।
३) जो कोई आतंकवादी कृत्य को कारित करने का षडयंत्र, प्रयत्न करता है या पक्ष समर्थन, दुष्प्रेरण करता है, सलाह देता है या उद्प्ति करता है या प्रत्यक्ष रुप से या जानते हुए, उसे सुकर बनाता है या किसी आतंकवादी कृत्य को प्रारंभ करने के लिए कोई कार्य करता है, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगा किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और जुर्माने के लिए भी दायी होगा ।
४) जो कोई आतंकवादी कृत्य का प्रशिक्षण देने के लिए किसी कैंप या किन्हीं कैंपों का आयोजन करता है या आयोजन किया जाना कारित करता है या आतंकवादी कृत्य को कारित करने के लिए किसी व्यक्ति या किन्हीं व्यक्तियों को भर्ती करता है या भर्ती किया जाना कारित करता है, तो वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो पांच वर्ष से कम नहीं होगा किंतु आजीवन कारावास तक हो सकेगा और ऐसे जुर्माने के लिए भी दायी होगा।
५) कोई व्यक्ति जो आतंकवादी संगठन का सदस्य है, जो आतंकवादी कृत्य में अंतवर्लित है, वह ऐसी अवधि के कारावासा से दंडनीय होगा, जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने के लिए भी दायी होगा ।
६) जो कोई किसी व्यक्ति को, जानते हुए जिसने आतंकवादी कार्य का अपराध कारित किया है, साशय संश्रय देगा या छिपाएगा या संश्रय देने या धिपाने का प्रयास करेगा वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगा, जो तीन वर्ष से कम नहीं होगा किंतु आजीवन कारावास तक का हो सकेगा और ऐसे जुर्माने के लिए भी दायी होगा :
परंतु यह उपधारा ऐसे मामलों में लागू नहीं होंगी, जिसमें संश्रय या धिपाने का कार्य अपराधी के पति-पत्नी द्वारा किया जाता है ।
७) जो कोइ किसी आतंकवादी कृत्य को कारित करने से व्युत्पन्न या अभिप्राप्त या आतंकवादी कृत्य को कारित करने के माध्यम से अर्जित किसी संपत्ति को जानते हुए कब्जे में रखता है, वह ऐसी अवधि के कारावास से दंडनीय होगी, जो आजीवन कारावास तक हो सकेगी और जुर्माने का भी दायी होगा ।
स्पष्टीकरण :
संदेह को दूर करने के लिए यह घोषित किया जाता है कि पुलिस अधीक्षक की पंक्ति से अनिम्न का अधिकारी यह विनिश्चय करेगा कि क्या इस धारा के अधीन या विधिविरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम १९६७ (१९६७ का ३७) के अधीन मामला रजिस्ट्रीकृत किया जाए ।