भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ३०७ :
चोरी करने के लिए मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात चोरी :
धारा : ३०७
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : चोरी करने के लिए मृत्यु, उपहति या अवरोध कारित करने की तैयारी के पश्चात चोरी।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई चोरी करने के लिए, या चोरी करने पश्चात् निकल भागने के लिए, या चोरी द्वारा ली गई संपत्ति को रखने के लिए, किसी व्यक्ती की मृत्यु, या उसे उपहति या उसका अवरोध कारित करने की, या मृत्यु का, उपहति का, या अवरोध का भय कारित करने की तैयारी करके चोरी करगा, वह कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
दृष्टांत :
क) (य) के कब्जे में की संपत्ति पर (क) चोरी करता है और यह चोरी करते समय अपने पास अपने वस्त्रों के भीतर एक भरी हुई पिस्तौल रखता है, जिसे उसने (य) द्वारा प्रतिरोध किए जाने की दशा में (य) को उपहति करने के लिए अपने पास रखा था । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
ख) (क), (य) की जेब काटता है, और ऐसा करने के लिए अपने कई साथियों को अपने पास इसलिए नियुक्त करता है कि यदि (य) यह समझ जाए कि क्या हो रहा है और प्रतिरोध करे, या (क) को पकडने का प्रयत्न करे, तो वे (य) का अवरोध करें । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।