भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २७३ :
करंतीन (निरोधा / स्पर्शवर्जन / छूना नहीं) के नियम की अवज्ञा :
धारा : २७३
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी करन्तीन के नियम की जानते हुए अवज्ञा ।
दण्ड : छह मास के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों।
संज्ञेय या असंज्ञेय : असंज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई भी परिवहन के किसी भी साधन को करंतीन (निरोधा) की स्थिति में रखे जाने के, या करंतीन (निरोधा) की स्थिति वाले ऐसे परिवहन के समागम विनियमित करने के लिए या ऐसे स्थानों के, जहां कोई संक्रामक रोग फैल रहा हो और अन्य स्थानों के बीच समागम विनियमित करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए और प्रख्यापित किसी नियम को जानते हुए, अवज्ञा करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि छह मास तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।