भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा २६२ :
किसी व्यक्ती द्वारा विधि के अनुसार अपने पकडे जाने में प्रतिरोध या बाधा :
धारा : २६२
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति द्वारा विधि के अनुसार अपने पकडे जाने में प्रतिरोध या बाधा ।
दण्ड : दो वर्ष के लिए कारावास, या जुर्माना, या दोनों ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : जमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : कोई मजिस्ट्रेट ।
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जो कोई व्यक्ती किसी ऐसे अपराध के लिए, जिसका उस पर आरोप हो, या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया हो, विधि के अनुसार अपने पकडे जाने में वह साशय प्रतिरोध करेगा, या अवैध बाधा करेगा, या किसी अभिरक्षा से, जिसमें वह किसी ऐसे अपराध के लिए विधिपूर्वक निरुद्ध हो, निकल भागेगा, या निकल भागने का प्रयत्न करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दो वर्ष तक की हो सेकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।
स्पष्टीकरण :
इस धारा में उपबंधित दण्ड उस दण्ड के अतिरिक्त है जिससे वह व्यक्ती, जिसे पकडा जाना हो, या अभिरक्षा में निरुद्ध रखा जाना हो, उस अपराध के लिए दण्डनीय था, जिसका उस पर आरोप लगाया गया था या जिसके लिए वह दोषसिद्ध किया गया था ।