Bns 2023 धारा १४० : हत्या करने के लिए या फिरौती (मुक्ती-धन) के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) :

भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा १४० :
हत्या करने के लिए या फिरौती (मुक्ती-धन) के लिए व्यपहरण (व्यक्ती को ले भागना) या अपहरण (भगाना) :
धारा : १४० (१)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड : आजीवन कारावास दस या वर्ष के लिए कठिन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : १४० (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : फिरोती, आदि के लिए व्यपहरण ।
दण्ड : मृत्यु या आजीवन कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : १४० (३)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति का गुप्त रीति से और सदोष परिरोध करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड : सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट ।
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धारा : १४० (४)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : किसी व्यक्ति को घोर उपहति, दासत्व, आदि का विषय बनाने के उद्देश्य से व्यपहरण या अपहरण ।
दण्ड : दस वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई किसी व्यक्ती का इसलिए व्यपहरण या अपहरण करेगा कि ऐसे व्यक्ती की हत्या की जाए या उसको ऐसे व्ययनित किया जाए कि वह अपनी हत्या होने के खतरे में पड जाए, वह आजीवन कारावास से या कठिन कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा ।
दृष्टांत :
क) (क) इस आशय से या यह सम्भाव्य जानते हुए कि किसी देव मूर्ति पर (य) की बलि चढाई जाए भारत में से (य) का व्यपहरण करता है । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
ख) (ख) को उसके गृह से (क) इसलिए बलपूर्वक या बहकाकर ले जाता है कि (ख) की हत्या की जाए । (क) ने इस धारा में परिभाषित अपराध किया है ।
२) जो कोई किसी व्यक्ती का व्यपहरण या अपहरण करेगा या ऐसे व्यपहरण या अपहरण के पश्चात् ऐसे व्यक्ती को निरोध में रखेगा और ऐसे व्यक्ती को मृत्यु कारित करेन या उपहति करने के लिए धमकी देगा या अपने इस आचरण से ऐसी युक्तीयुक्त आशंका पैदा करेगा कि ऐसे व्यक्ती की मृत्यु हो सकती है या उपहति की जा सकती है या कोई कार्य करने या कोई कार्य प्रविरत रहने के लिए या मुक्ति धन (फिरौति) देने के लिए सरकार या किसी विदेशी राज्य या अन्तरराष्ट्रीय अन्तर सरकार संगठन या किसी अन्य व्यक्ती को विवश करने के लिए ऐसे व्यक्ती को उपहति करेगा या मृत्यु कारित करेगा, वह मृत्यु से या आजीवन कारावास से और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
३) जो कोई इस आशय से किसी व्यक्ती का व्यपहरण या अपहरण करेगा कि उसका गुप्त रीति से और सदोष परिरोध किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।
४) जो कोई किसी व्यक्ती का व्यपहरण या अपहरण इसलिए करेगा कि उसे घोर उपहति या दासत्व का या किसी व्यक्ती की प्रकृति विरुद्ध काम-वासना का विषय बनाया जाए या बनाए जाने के खतरें में वह जैसे पड सकता है वैसे उसे व्ययनित किया जाए, या संभाव्य जानते हुए करेगा कि एसे व्यक्ती को उपर्युक्त बातों का विषय बनाया जाएगा या उपर्युक्त रुप से व्ययनित किया जाएगा, वह दोनो में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से भी दण्डित किया जाएगा ।

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