भारतीय न्याय संहिता २०२३
धारा ६५ :
कतिपय मामलों में बलात्संग के लिए दंड :
धारा : ६५ (१)
अपराधाचे वर्गीकरण :
अपराध : १६ वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ बलात्संग.
दण्ड : कम से कम बीस वर्ष के लिए कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, तक का हो सकेगा और जुर्माना ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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धारा : ६५ (२)
अपराध का वर्गीकरण :
अपराध : १२ वर्ष से कम आयु की स्त्री के साथ बलात्संग ।
दण्ड : कम से कम बीस वर्ष के लिए कठोर कारावास, किन्तु जो आजीवन कारावास तक का हो सकेगा , जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल का कारावास अभिप्रेत होगा, और जुर्माना या मृत्युदण्ड ।
संज्ञेय या असंज्ञेय : संज्ञेय ।
जमानतीय या अजमानतीय : अजमानतीय ।
शमनीय या अशमनीय : अशमनीय ।
किस न्यायालय द्वारा विचारणीय है : सेशन न्यायालय ।
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१) जो कोई किसी स्त्री से, जीसकी आयु १६ वर्ष से कम है, बलात्संग करेगा वह ऐसे अवधि के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा :
परन्तु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचीत और युक्तियुक्त होगा :
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीडिता को संदत्त किया जाएगा ।
२) जो कोई किसी स्त्री से, जीसकी आयु १२ वर्ष से कम है, बलात्संग करेगा वह ऐसे अवधि के कठोर कारावास से, जिसकी अवधि बीस वर्ष से कम की नहीं होगी किन्तु जो आजीवन कारावास तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, जिससे उस व्यक्ति के शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए कारावास अभिप्रेत होगा या मृत्युदंड से दण्डनीय होगा :
परन्तु ऐसा जुर्माना पीडिता के चिकित्सीय खर्चों को पूरा करने और पुनर्वास के लिए न्यायोचीत और युक्तियुक्त होगा :
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन अधिरोपित कोई जुर्माना पीडिता को संदत्त किया जाएगा ।