भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १३५ :
जो साक्षी पक्षकार नहीं है उसके हक-विलेखों को पेश किया जाना :
कोई भी साक्षी, जो वाद का पक्षकार नहीं है, किसी संपत्ति संबंधी अपने हक विलेखों को, या किसी ऐसी दस्तावेज को, जिसके बल पर वह गिरवीदार या बंधकदार के रुप में कोई संपत्ति धारण करता है, या किसी दस्तावेज को, जिसका पेशकरण उसे अपराद में फंसाने की प्रवृति रखता है, पेश करने के लिए विवश नहीं किया जाएगा, जब तक कि उसने ऐसे विलेखों के पेशकरण की ईप्सा रखने वाले व्यक्ति के साथ, या ऐसे किसी व्यक्ति के साथ जिससे व्युत्पन्न अधिकार से यह व्यक्ति द्वावा करता है, उन्हें पेश करने का लिखित करार न कर लिया हो ।