भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १२५ :
साक्षी का मौखिक रुप से संसूचित करने में असमर्थ होना :
ऐसा कोई साक्षी, जो बोलने में असमर्थ है , ऐसी किसी अन्य रीति में, जिससे वह उसे बोधगम्य बना सकता है जैसे कि लिखकर या संकेत चिन्हों द्वारा, अपना साक्ष्य दे सकेगा; किन्तु ऐसा लेखन लिखित रुप में होना चाहिए और खुले न्यायालय में प्रकट संकेत चिन्ह तथा इस पअकार दिया गया साक्ष्य मौखिक साक्ष्य माना जाएगा :
परन्तु यदि साक्षी मौखिक रुप से संसूचित करने में असमर्थ है तो न्यायालय कथन अभिलिखित करने में किसी द्विभाषिए या विशेष प्रबोधक की सहायता लेगा और ऐसे कथन की वीडियो फिल्म तैयार की जाएगी ।