भारतीय साक्ष्य अधिनियम २०२३
धारा १०१ :
न पढी जा सकने वाली लिपि आदि के अर्थ के बारे में साक्ष्य :
ऐसी लिपि का, जो पढी न जा सके या सामान्यत: समझी न जाती हो, विदेशी, अप्रचलित, पारिभाषिक, स्थानिक और प्रांतीय शब्द प्रयोगों का, संक्षेपाक्षरों का और विशिष्ट भाव में प्रयुक्त शब्दों का अर्थ दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा ।
दृष्टांत :
एक मुर्तिकार, (ऐ) मेरी सभी प्रतिमाएँ (बी) को बेचने का करार करता है । (ऐ) के पार प्रतिमान और प्रतिमा बनाने के औजार भी है । यह दर्शित कराने के लिए कि वह किसे बेचने का अभिप्राय रखता था, साक्ष्य दिया जा सकेगा ।